Delhi Ordinance: पटना (Patna) में विपक्षी पार्टियों की महाबैठक के बाद आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने कांग्रेस (Congress) पर बड़ा आरोप लगाया है. AAP ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच समझौता है कि जब दिल्ली सेवा अध्यादेश संसद में लाया जाएगा तो कांग्रेस वॉकआउट करेगी. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि जिस बैठक में कांग्रेस शामिल होगी उसमें वो शामिल नहीं होंगे. वहीं, पटना में अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और AAP के मनमुटाव को दूर करने के लिए NCP चीफ शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने हस्तक्षेप किया. दोनों नेताओं ने कहा- अब समय आ गया है कि मतभेद भुलाकर एक साथ आना होगा.
विपक्षी पार्टियों से केजरीवाल साध रहे हैं संपर्क
बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल ने कांग्रेस से अध्यादेश पर साथ नहीं मिलने को लेकर कहा था कि वह पटना की महाबैठक में शामिल नहीं होंगे. हालांकि वह बाद में इस बैठक में शामिल हो गए थे. गौरलतब है कि अध्यादेश को संदन में खारिज करने के लिए विपक्षी पार्टियों से केजरीवाल लगातार संपर्क साध रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जाकर मुलाकात की थी.
राज्यसभा में केजरीवाल की राह मुश्किल क्यों?
राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 245 होती है, लेकिन इस समय राज्यसभा में 238 सदस्य हैं और बहुमत के लिए 120 सदस्यों का होना जरूरी है. एनडीए के पास राज्यसभा में 110 सदस्यों का समर्थन है. यूपीए के पास 64 सदस्य हैं. वहीं अन्य विपक्षी दलों के पास भी 64 सदस्य हैं. ऐसे केजरीवाल को सभी विपक्षी दलों का समर्थन मिल जाता है तो 128 सदस्य हो जाएंगे.
महाबैठक में कौन-कौन हुआ शामिल
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में करीब 15 पार्टियों के नेताओं ने पटना में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए बैठक की. इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमनत सोरेन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, लेफ्ट नेता सीताराम यचुरी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, आरजेडी नेता लालू यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं.