CJI NV Ramana ने सियासी दलों (Political Parties)पर तंज कसते हुए कहा है कि राजनीतिक दल चाहते हैं कि न्यायपालिका (Judiciary) उनके एजेंडे का समर्थन करे.CJI ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि न्यायपालिका (Judiciary) केवल संविधान (Constitution) के प्रति जवाबदेह है. USA में सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) में एसोसिएशन ऑफ इंडो-अमेरिकन (Association of Indo-American)की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में CJI ने यह बातें कही.
राजनीतिक दलों पर तंज
सीजेआई रमना ने कहा कि आजादी के हम 75वें साल में हैं। हमारा गणतंत्र 72 साल का हो गया है लेकिन उन्हें अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि देश ने अभी भी प्रत्येक संस्थान को संविधान द्वारा सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की पूरी तरह से सराहना करना नहीं सीखा है।
सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह है न्यायपालिका
सीजेआई रमना ने कहा कि सत्ता में मौजूद पार्टियां सोचती हैं कि हर सरकारी काम को न्यायिक समर्थन मिलना चाहिए। विपक्षी दल न्यायपालिका से अपने राजनीतिक पदों और कारणों को आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।लेकिन न्यायपालिका सिर्फ और सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह है.
सहिष्णुता और समावेशिता (Tolerance and inclusivity) को बढ़ावा देना जरूरी
भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने अपने भाषण में सहिष्णुता और समावेशिता को बढ़ावा देने के महत्व पर भी जोर दिया.इस दौरान USA का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि यह अमेरिकी समाज की सहिष्णुता (Tolerance) और समावेशी प्रकृति है जो दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने में सक्षम है, ये बदले में अमेरिकी विकास में योगदान दे रही हैं. अलग-अलग पृष्ठभूमि से योग्य प्रतिभाओं का सम्मान करना भी आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है. समावेशिता समाज में एकता को मजबूत करती है