Uttar Pradesh Elections की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने कहा है कि इलेक्शन में विपक्ष के पास कोई मुद्दा है ही नहीं. वह डीडी न्यूज के कॉन्क्लेव के दूसरे दिन के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. आइए जानते हैं 5 बड़े मुद्दों पर क्या बोले योगी
क्या चुनाव से पहले है कोई डर
क्लास में वह बच्चा डरता है जिसका कॉन्सेप्ट क्लीयर नहीं होता है, क्लास अडेंट नहीं करता है. डरने की किसी को जरूरत है, तो वह विपक्ष है जिसे सोचना है कि क्या अगले विधानसभा चुनाव के बाद वह विपक्ष में बैठने लायक रहेगा भी या नहीं. इलेक्शन हमारे लिए उत्सव है और हम उसका आनंद भी लेंगे.
कोरोना की सेकेंड लहर में लापरवाही के आरोपों पर
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. यूपी की आबादी अमेरिका जैसे देश से थोड़ी ही कम हैं. वहां का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हमसे बेहद आगे है. वहां साढ़े 6 लाख मौतें हुईं. यूपी में 21 हजार से कुछ ज्यादा. 500 नए Oxygen Plant इंस्टॉल किए गए हैं, अब ऑक्सीजन के मामले में प्रदेश आत्मनिर्भर हो चुका है. हमारे पास पर्याप्त बेड हैं.
यूपी में बेरोजगारी पर
2017 से पहले प्रदेश में नौकरी निकलने पर सत्ताधारी परिवार के लोग बोली लगाते थे. लॉकडाउन के बाद प्रदेश के 40 लाख श्रमिक अपने घरों को लौट आए थे. हमने उनकी स्किल मैपिंग कराई. हमने हर श्रमिक के हिसाब से उसे रोजगार दिलाने का काम किया. हमने बिना भेदभाव के प्रदेश के युवाओं को नौकरी दी. साढ़े 4 लाख से ज्यादा नौजवानों को सरकारी नौकरी दी. MSME सेक्टर में 1 लाख 61 हजार से अधिक लोगों को नौकरी और रोजगार से जोड़ा है.
हमने तीन गुना महिला आरक्षियों की भर्ती पुलिस सेवा में की है. ऐसे ही शिक्षकों की भी भर्ती की है.
फर्क दिखता है कैंपेन
2017 से पहले सीएम आवास में बुलाकर दंगाइयों को सम्मानित किया जाता था. सरकार और पुलिस दंगाइयों के सामने गिड़गिड़ाती थी. 2017 के बाद परिवर्तन आया है. दंगा अब बिल में जा छुपा है. कोई दंगा करके सिर उठाकर घूमने की हिम्मत अब नहीं कर सकता है. यही फर्क है.
2017 से पहले बेटियां असुरक्षित थीं, स्कूल नहीं जा पाती थीं. लोग उन्हें राज्य से बाहर या रिश्तेदार के यहां भेज देते थे. लेकिन अब परिवर्तन आ चुका है.
क्या योगी अपना कानून चलाते हैं?
किसी पेशेवर माफिया की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाना अगर प्रदेश के हित में है, तो हम वही करेंगे. व्यापारी की संपत्ति पर यही लोग कब्जा करते थे. विकास की योजना पर डकैती डालते थे, कोई रोक-टोक नहीं थी. अवैध संपत्ति का सृजन किया. डीजीपी बंगले से 500 मीटर की दूरी पर एक माफिया ने 4 मंजिल की इमारत खड़ी कर दी. ये सब पहले लीगल था. हमने हर अवैध पर बुलडोजर चलाया.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से हमने हर्जाना वसूल किया, उनके पोस्टर चस्पाए. इसी तरह हमने राज्य की व्यवस्था को चलाया.