कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़(Chhattisgarh)का किला मजबूत करने में जुट गई है. विधानसभा चुनाव से पूर्व पार्टी के अंदर किसी तरह की कलह न हो, इसके लिए वहां के नाराज नेताओं से पार्टी के शीर्ष नेताओं ने मुलाकात शुरू कर दी है.
इसी कड़ी में राज्य में पार्टी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले टीएस सिंह देव (ts singh dev) से बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (congress president mallikarjun kharge) और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (congress leader rahul gandhi) ने मुलाकात की.
मुलाकात के बाद सिंह देव ने भी छत्तीसगढ़ में एटजुट होकर चुनाव लड़ने और पिछले पांच साल के काम की बदौलत सत्ता में वापसी की बात कही.
गौरतलब है कि राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह से जूझ रही है. फर्क बस इतना ही है कि राजस्थान में सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चाबंदी कर रखी है. वहीं छत्तीसगढ़ में यह अंदर खाने जारी है.
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साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त भूपेश बघेल (bhupesh baghel) और टीएस सिंह देव कांग्रेस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा माने जाते थे. चुनाव परिणाम के बाद पार्टी आलाकमान की ओर से दोनों ही नेताओं के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन अंतिम मुहर भूपेश बघेल के नाम पर लगी थी.
उस वक्त यह बात भी सामने आई थी कि दोनों ही नेता ढ़ाई-ढ़ाई साल के फार्मूले पर मुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन भूपेश बघेल ने निर्धारित पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. करीब 3 साल पूरे होने पर टीएस सिंह देव का इस मुद्दे पर दर्द भी छलका था.
ऐसे में कांग्रेस पार्टी कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि पार्टी आलाकमान राज्य में किसी भी तरह की गुटबाजी को पनपने देना नहीं चाहते हैं.
बुधवार को टीएस सिंह देव की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सिंह देव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "आज की बैठक(छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेताओं की बैठक) का उद्देश्य चुनाव की तैयारियां रहीं.
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर हमें मौका मिल सकता है. हमने जो काम किए हैं, हम उस आधार पर चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस पार्टी स्वयं एक चेहरा है. पिछला चुनाव हमने सामूहिक नेताओं के आधार पर लड़ा था और वो बेस्ट है इसलिए इस साल भी हम सामूहिक नेताओं के आधार चुनाव लड़े क्योंकि इसमें टीम को कोई भी लीड कर सकता है.