Agneepath scheme: केंद्र सरकार की अग्रिपथ योजना के विरोध में देश के कई राज्यों के युवा हिंसक प्रदर्शन (violent protests) कर रहे हैं. वहीं अब देश के कई राज्यों ने भी इस योजना का विरोध करना शुरू कर दिया है. केरल, तमिलनाडु, पंजाब और राजस्थान समेत कई राज्यों ने मोदी सरकार (PM Modi) से स्कीम वापस लेने (withdraw Agneepath scheme) की मांग की है.
शनिवार को राजस्थान (Rajasthan) की कांग्रेस सरकार के मंत्रिपरिषद ने अग्निपथ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह सेनाओं में युवाओं की शॉर्ट टर्म के लिए संविदा भर्ती की योजना को वापस ले ले. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में युवाओं से संयम रखते हुए अपनी बात शांतिपूर्ण, अहिंसक एवं लोकतांत्रिक तरीके से रखने की अपील की.
वहीं पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने कहा कि केंद्र सरकार को अग्निपथ योजना वापस ले लेनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को उन हजारों युवाओं को लिखित परीक्षा में शामिल होने और देश सेवा का मौका देना चाहिए, जो दो साल से फिजिकल टेस्ट पास कर भर्ती फाइनल होने का इंतजार कर रहे हैं.'
केरल ( Kerala) के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने कहा कि देश हित में पीएम मोदी को अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना का चौतरफा विरोध इस बात का साफ संकेत है कि भारत के युवा की भावनाएं क्या हैं, यह योजना उनकी भावनाओं के विपरीत है, सीएम विजयन ने कहा कि देश के हित में पीएम मोदी से अनुरोध है कि वह इस योजना को वापस ले लें. साथ ही युवाओं की आशंकाओं का समाधान करने पर विचार करें.
जबकि तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि कई रिटायर्ड रक्षा अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों ने इस योजना का विरोध किया है. ऐसे में सरकार को इस योजना को वापस लेना चाहिए. यह राष्ट्र के विरुद्ध है.
इन सरकारों के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी केंद्र सरकार की इस स्कीम का विरोध किया है. राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि राज्यसभा का सदस्य होने के नाते, मैं आपका ध्यान 14 जून 2022 के फैसले की ओर ले जाना चाहता हूं, जिसके तहत अग्निपथ योजना की घोषणा की गई और सिर्फ चार साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए कहा गया। भारतीय सेना में जाने के इच्छुक युवा अपनी जॉब सिक्योरिटी समेत कई मुद्दों को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वो इस फैसले को वापस ले। साथ ही पुराने नियम के तहत युवाओं की भर्ती सेना में की जाए.