प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सोमवार को रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) के 7वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में पहुंचे. ये कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि यूरोपियन आयोग (European Union) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अपने संबोधन में भारत की जमकर तारीफ की.
उन्होंने कहा कि आने वाला समय भारत (India) का है. उन्होंने कहा कि भारत और ईयू दोनों के उद्देश्य एक ही है. भारत और ईयू के फंडामेंटल वैल्यूज और कॉमन इंटरेस्ट को देखते हुए दोनों को साथ चलने की जरूरत है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) मौजूद रहे. यह रायसीना डायलॉग का सातवां संस्करण है और 27 अप्रैल तक चलेगा.
रायसीना डायलॉग क्या है?
रायसीना डायलॉग की शुरुआत साल 2016 में की गई थी. ये एक वार्षिक सम्मेलन है. इसमें भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक विषयों पर चर्चा की जाती है. इसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय एवं ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. रायसीना में विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा एवं वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है. इसकी शुरुआत पीएम मोदी (Narendra Modi) की पहल के बाद की गई थी. इसका मुख्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष दुनिया के साथ एशिया के बेहतर समन्वय के लिए संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है.
रायसीना डायलॉग में इस बार क्या खास है?
रायसीना डायलॉग में इस बार 6 अजेंडे हैं. इसमें कारोबार, प्रौद्योगिकी व विचारधारा, हिंद प्रशांत की स्थिति, जलवायु परिवर्तन और जल समूह शामिल है. बता दें कि कोरोना महामारी के चलते पिछली बार इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपन्न किया गया था. रायसीना डायलॉग 2022, 'टेरानोवा- इंपैसंड, इंपैसियस, इंपेरिल्ड' थीम पर आधारित है. बता दें टेरा नोवा पृथ्वी को कहा जाता है. डायलॉग का नाम यह रखने का मुख्य उद्देश्य है कि विश्व को नए नजरिए से देखा जाए.