प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के मौके पर इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका में एक नई योजना 'पीएम विश्वकर्मा' शुरूआत की. योजना शुरू करने से पहले भगवान विश्वकर्मा को पुष्पांजलि अर्पित की. यशोभूमि पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में फुटवियर उद्योग से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों से मुलाकात की.
क्या है विश्वकर्मा योजना ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य स्किल ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर देशभर में मौजूद कारीगरों और शिल्पकारों की क्षमताओं को बढ़ावा देना है. इस योजना के लिए जरिए कुशल कारीगरों को MSME से भी जोड़ा जाएगा. इस स्कीम के तहत लाभार्थी को 15,000 रुपये का टूलकिट मिलेगा और लाभार्थि को स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रति दिन के स्टाइपेंड भी दिया जाएगा. सरकार इस योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
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किसे मिलेगा योजना का फायदा ?
पीएम विश्वकर्मा योजना का फायदा बढ़ई, कुम्हार, सोनार और मूर्तिकार समेय अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को मिलेगा. इस योजना के तहत सरकार की कोशिश शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और साथ ही उन्हें घरेलू बाजार और वैश्विक बाजार के साथ जोड़ना है.