यासीन मलिक (Yasim Malik) को उम्रकैद की सजा मिलने पर पाकिस्तान (Pakistan) तिलमिला गया है. गुरुवार को पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में यासीन मलिक की सजा का विरोध किया गया है. टेरर फंडिंग के 2 मामलों में दिल्ली की NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मलिक को कुल 9 मामलों में सजा सुनाई गई थी. उस पर 10 लाख से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया था. हालांकि, NIA ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
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पाकिस्तान में सभी पार्टियां मलिक के समर्थन में
इस मुद्दे पर पाकिस्तान में सभी पार्टियां मलिक के समर्थन में बोल रही हैं. पीएम शहबाज शरीफ ने मलिक के समर्थन में एक ट्वीट में कहा था, 'दुनिया को भारत के जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों के साथ भारत सरकार के दुर्व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए. प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना भारत में मानवाधिकार के हनन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने का निरर्थक प्रयास है. मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.
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