ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Incident) की CBI जांच शुरू हो गई है. एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने सोमवार को बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा किया और हादसे की जांच शुरू की.
वहीं हादसे के पीड़ितों के बारे में जानकारी देते हुए भुवनेश्वर के डीआरएम ईसीआर रिंकेश रॉय ने बताया कि करीब 1,100 लोग घायल हुए, जिनमें से करीब 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि हादसे में जान गंवाने वाले 278 लोगों में से 101 शवों की शिनाख्त बाकी है.
रिंकेश रॉय ने उपकरणों के साथ छेड़छाड़ का संदेह जताया है, जिसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में प्रवेश कर गई और लोहे से लदी मालगाड़ी से टकरा गई. रॉय ने कहा कि जब कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार स्टेशन से गुजरी तो मुख्य लाइन पर हरी झंडी थी.
उन्होंने कहा कि आवश्यक सभी पूर्व-शर्तें सही होती हैं तभी सिग्नल आमतौर पर हरा होता है और यदि यदि कोई भी पूर्व शर्त पूरी नहीं होती है तो तकनीकी रूप से सिग्नल कभी भी हरा नहीं हो सकता.
रॉय ने कहा कि जब तक कोई सिग्नल सिस्टम के साथ छेड़छाड़ नहीं करता , तब तक यह लाल रहता है. उन्होंने बताया कि रेलवे के पास ‘डेटा लॉगर’ नामक एक प्रणाली है जिसमें सिग्नल बटन को दबाने से लेकर शुरू होने वाली प्रत्येक घटना रिकॉर्ड की जाती है.
डीआरएम ने कहा कि ‘डेटा लॉगर’ से पता चलता है कि हरी झंडी थी. उन्होंने कहा कि यह तब तक संभव नहीं हो सकता जब तक कि किसी ने इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की हो.