आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) ने कुतुब मीनार (Qutub Minar) में नमाज (Namaz) पढ़ने पर रोक लगाई है जिसका दावा मस्जिद के इमार शेर मोहम्मद ने किया. इमाम ने कहा कि 13 मई से ही कुतुब मीनार में नमाज पढ़ने पर रोक लगाई हुई है. बकौल इमाम, 13 मई को कुतुब मीनार पहुंची ASI की टीम ने उनसे कहा कि आज से यहां नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. इमाम ने टीम से कहा कि वो सिर्फ चार लोग हैं और अब वहां बाहरी लोगों को नहीं आने देंगे लेकिन अधिकारियों ने कहा कि ऊपर से ऑर्डर आया है. बता दें कि कुतुब मीनार के मेन गेट के दाएं तरफ बनी मुगलकालीन छोटी मस्जिद में नमाज होती थी जहां अब प्रतिबंध लगा दिया गया है.
वहीं ASI ने साकेत कोर्ट में दायर हिंदू पक्ष की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कुतुब मीनार की पहचान को नहीं बदला जा सकता और ना ही अब इसमें पूजा कि अनुमति दी जा सकती है. दरअसल, साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू और जैन देवी-देवताओं की मूर्ति की बहाली और पूजा के अधिकार की मांग को लेकर याचिका दर्ज की गई है. याचिका में ये भी दावा किया गया कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं और कुतुब कॉमप्लैक्स में कभी मौजूद रहे 27 मंदिरों को फिर से बनाने की अनुमति दी जाए. याचिका पर ASI ने कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा कि कुतुब मीनार को साल 1914 से संरक्षित स्मारक का दर्जा मिला हुआ है.
याचिका कानूनी तौर पर वैध नहीं
हिंदू पक्ष की याचिकाओं को ASI ने कानूनी तौर पर वैध नहीं बताते हुए कहा कि पुराने मंदिर तोड़कर कुतुब मीनार परिसर बनाना ऐतिहासिक तथ्य का मामला है. ASI के मुताबिक जब से कुतुब मीनार को संरक्षण में लिया गया है, यहां कोई पूजा नहीं हुई और ऐसे में यहां पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती.
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इमाम ने कहा कि 13 मई को कुतुब मीनार पहुंची ASI की टीम ने उनसे कहा कि आज से यहां नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. इमाम ने टीम से कहा कि वो सिर्फ चार लोग हैं और अब वहां बाहरी लोगों को नहीं आने देंगे लेकिन अधिकारियों ने कहा कि ऊपर से ऑर्डर आया है. बता दें कि कुतुब मीनार के मेन गेट के दाएं तरफ बनी मुगलकालीन छोटी मस्जिद में नमाज होती थी जहां अब प्रतिबंध लगा दिया गया है.