Mirza Ghalib: ''हम को मालुम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन, दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख्याल अच्छा है''. जमाने भर में मशहूर उर्दू और फारसी शायर मिर्जा गालिब की आज जयंती है. जब भी शायरी और गजलों की बात होती है, तो मिर्जा गालिब के नाम का जिक्र हर हाल में आता है. 27 दिसंबर 1797 को मिर्जा गालिब का जन्म आगरा में हुआ था. गालिब अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी लिखी गजलें आज भी उन्हें जिंदा रखती हैं.
गालिब की गजलें और शायरियां कई शताब्दियां बीत जाने के बाद भी युवाओं के बीच खासी पॉपुलर हैं. हर आयु वर्ग के लोग गालिब के दीवाने हैं. गालिब ने इश्क को ऐसा लिखा है कि जब तक मोहब्बत जिंदा रहेगी, लोगों के दिलों में गालिब जिंदा रहेंगे.