वायुसेना के बेड़े में 1963 से सेवाएं दे रहे लड़ाकू मिग विमानों (Fighter Mig Planes) को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) अपने बेड़े से हटाने जा रही है. एक लम्बे अर्से से मिग-21 ने जंगों में भारतीय सेना का बखूबी साथ दिया. 30 सितंबर को मिग-21 फाइटर्स के चार शेष स्क्वाड्रनों में से एक को रिटायर (MIG-21 Retire) किया जाएगा. श्रीनगर स्थित 51 नंबर की इस स्क्वाड्रन को 'स्वॉर्ड आर्म्स' के रूप में भी जाना जाता है. विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान (Abhinandan Varthaman) इसका हिस्सा थे. अभिनंदन ने 27 फरवरी, 2019 को नियंत्रण रेखा पर एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. इसी दौरान अभिनंदन वर्धमान POK में MIG-21 से गिर गए थे और पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
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क्या उड़ता ताबूत है MIG-21 ?
MIG-21 विमानों को वायुसेना में 1963 में शामिल किया गया था. वायुसेना के बेड़े में फिलहाल करीब 70 मिग-21 लड़ाकू विमान और 50 मिग-29 विमान हैं. पिछले कुछ सालों में कई MIG-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त (MiG-21 Plane Crashed) हुए हैं. जिसके बाद इनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे. पिछले छह दशकों में 400 से अधिक MIG-21 दुर्घटनाग्रस्त हुए. इन हादसों में भारत ने अपने करीब 200 जाबांज पायलट खाए हैं. बार-बार हुए हादसों के चलते इन्हें उड़ता ताबूत कहा जाने लगा.