बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अगले सप्ताह तक होने की सम्भावना है. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सभी जातीय समीकरणों में सम्भावनाओ को तलाश रहा है. बता दें कि अभी तक अध्यक्ष पद की होड़ में ब्राह्मण, दलित, पिछड़ी जाति और भूमिहार समाज से आने वाले नेताओ का नाम आगे है. पिछले दिनों भाजपा के नए प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल की नियुक्ति के बाद अब नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का बेसब्री से इंतजार है।
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केंद्रीय नेतृत्व जल्द करेगी फैसला
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इन दिनों पार्टी की आतंरिक संरचना में बड़ा फ़ेरबदल कर रहा है इस सम्बन्ध में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गर्म हैं. ऐसे में ये देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में भाजपा किसे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी देती है?
जातीय समीकरण का रखा जा रहा है ध्यान
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष पद के नामो को लेकर गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और महामंत्री बीएल संतोष के बीच मंथन चल रहा है, केंद्रीय नेतृत्व 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र जातीय समीकरण के अनुसार वोट बैंक को साधना चाहता है. ऐसे में पार्टी ऐसे व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करना चाहती है जो प्रदेश के साथ -साथ केंद्रीय नेतृत्व की अपेक्षाओं को भी पूरी कर सके.
किसका नाम सबसे आगे
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार अध्यक्ष पद की दौड़ में राज्यमंत्री बीएल वर्मा, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी और केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान का नाम पिछड़े वर्ग से सबसे आगे चल रहा है. वहीं ब्राह्मण नेताओं की बात करें तो शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, पूर्व मंत्री श्रीकांत व पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का नाम भी आगे चल रहा है.
अब जहाँ तक बात दलित नेताओ की है तो यहाँ इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया और विनोद सोनकर का नाम भी चर्चा में है साथ ही प्रदेश महामंत्री अश्विनी त्यागी का नाम भी भूमिहार नेता के रूप में चर्चा में है.