UP NEWS : Agra के एक प्राइमरी स्कूल प्रिंसिपल (Primary School Principal) ने सरकार की मिड-डे मील योजना में तगड़ा घोटाला किया है. उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सोसाइटी रजिस्टर्ड करवाकर मिड डे मील का टेंडर हासिल कर लिया और फिर कागजों में वितरण करवा कर 11.46 करोड़ का भुगतान करा लिया. इस खेल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा. यही वजह रही कि बिना फिजिकल सत्यापन के उसे अप्रूवल मिलता रहा और वह सालों तक घोटाला करता रहा. यूपी सर्तकता अधिष्ठान आगरा के विजीलेंस विभाग ने आरोपी प्रिंसिपल और कई बैंकों के अधिकारियों समेत सरकारी महकमों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
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आवास-विकास कॉलोनी सिकंदरा का रहने वाला चंद्रकांत शर्मा नाम के इस प्राइमरी स्कूल के इस प्रिंसिपल पर मिड-डे मील योजना में घोटाला कर करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति जमा करने का आरोप है. आगरा शहर में आरोपी शिक्षक के कई बीयर बार, मैरिज होम, बैंक्वट हॉल, टैंट के कारोबार हैं. कई वर्षों से चल रही जांच में दोषी पाए जाने के बाद आखिरकार आरोपी प्रिंसिपल जांच के फंदे में फंसा है. 2018 से विजीलेंस इस मामले की जांच कर रही है. जांच पूरी होने के बाद चौंका देने वाले खुलासे सामने आए हैं.
चंद्रकांत शर्मा पुत्र गंगा प्रसाद शर्मा फिरोजाबाद जिले के टुंडला, जाजपुर के प्राइमरी विद्यालय में प्रधानाध्यापक है. साल 2007 में चंद्रकांत ने सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति संस्था शिकोहाबाद, फिरोजाबाद के नाम से आगरा के चिटफंड कार्यालय से पंजीकरण करवाया था. संस्था फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकृत हुई. जिसमें आरोपी ने अपने पिता को अध्यक्ष और पत्नी एवं नाते-रिश्तेदारों को सदस्य बना दिया. आरोपी शिक्षक ने शिक्षाधिकारियों से सांठगांठ करके 2008 में एमडीएम (मिड डे मील) का टेंडर हासिल कर लिया।
आरोपी शिक्षक चंद्रकांत ने 2008 में एमडीएम का काम ले लिया. इसके बाद उसने कागजों पर मिड डे मील बंटवा कर सरकारी खजाना लूटना शुरू कर दिया. विजीलेंस जांच के मुताबिक 2014 तक 11,46,58,500 का भुगतान पंजाब नेशनल बैंक शिकोहाबाद से किया गया. इस बैंक से आरोपी शिक्षक ने अपनी सोसाइटी का फर्जी कोषाध्यक्ष बन कर अपने दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर करवा ली. इस खेल में बैंक अधिकारी और फिरोजाबाद के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे.