मथुरा (Mathura) के बाल सुधार गृह (juvenile home) से दो नाबालिग बंदियों (Minor Prisoners) से साथ तालिबानी सजा की तस्वीर सामने आई है. आरोप है कि बाल सुधार गृह के कर्मचारियों ने दो किशोरों को खंभों से बांधकर लाठी-डंडों से इतना पीटा की किशोर गंभीर घायल हो गए. शरीर पर मारपीट के निशान उनके साथ हुई ज्यादती को बयां कर रहे हैं.
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पीड़ितों ने जताया जान का खतरा
बाल सुधार गृह से भाग रहे किशोर ने बताया कि वो साथी कैदी के साथ जेल तोड़कर भाग (Escape from Prison) रहा था. उसके माता-पिता गरीब हैं, उसको जेल से छुड़ा नहीं सकते. इसीलिए उन्होंने जेल तोड़कर भागने की कोशिश की थी. मारपीट के डर से किशोर जेल जाने के नाम पर डर रहे हैं, किशोर ने रोते रोते बताया कि सुरक्षाकर्मी विक्रांति, शेखर, सोनू अब हमको जान से मार देंगे.
प्रोबेशन अधिकारी की सफाई
इस पूरे मामले में मथुरा जिला प्रोबेशन अधिकारी की सफाई भी सामने आई है. जिला प्रोबेशन अधिकारी (District Probation Officer) का कहना है कि नाबालिग बंदियों ने खिड़कियों को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम हुई. कर्मचारियों ने इनको पकड़ लिया. किशोरों के साथ मारपीट हुई. अगर नाबालिग बंदी भाग जाते, तब भी सुरक्षाकर्मियों पर ही दोष लगता. अधिकारी का कहना है कि जो भी जांच में दोषी पाए जायेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भले ही इस मामले में जांच की बात कही हो. लेकिन सवाल ये है कि आखिर इस तालिबानी सजा का हक कर्मचारियों को किसने दिया ?