Muzaffarnagar Riots Case: साल 2013 में UP के मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे को लेकर एक बड़ा फैसला आया है. स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने BJP के पूर्व विधायक विक्रम सैनी (Former MLA Vikram Saini) समेत 27 लोगों के खिलाफ अलग-अलग धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप तय किये हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी. विक्रम सैनी को पहले ही इस मामले के अन्य आरोपों में दोषी ठहराया जा चुका था, जिसके चलते वह जिले के खतौली (Khatauli) क्षेत्र से अपनी विधानसभा सदस्यता गंवा चुके हैं.
उत्तर पुलिस ने राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने) के तहत आरोप पत्र दायर किया, जिसकी सुनवाई मंगलवार को हुई. सुनवाई के समय सैनी सहित सभी 27 आरोपी अदालत में मौजूद थे.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 28 अगस्त, 2013 को मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक संघर्ष के मामले में पुलिस ने सैनी सहित 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, सैनी तथा 26 अन्य के खिलाफ मुजफ्फरनगर दंगों की मुख्य वजह माने जाने वाले कवाल कांड मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था.
कवाल गांव में अगस्त 2013 में छेड़खानी के एक मामले में गौरव और सचिन तथा शाहनवाज (Gaurav, Sachin and Shahnawaz) नामक युवकों की हत्या की गयी थी. इस घटना ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था. गौरव और सचिन का अंतिम संस्कार करके लौट रही भीड़ ने हिंसक रुख अख्तियार करते हुए कई मकानों को आग लगा दी थी. इस मामले में सैनी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गयी थी.
बता दे कवाल कांड के बाद सितम्बर 2013 में मुजफ्फरनगर और आसपास के कुछ जिलों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिनमें कम से कम 60 लोग मारे गये थे और 40 हजार अन्य लोगों को अपना घर बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा था.