दिल्ली के मुंडका (Delhi Mundka Fire) में शुक्रवार को एक इमारत में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई, कई लोग घायल हैं. लोगों का आरोप है कि दमकल की गाड़ियां घटना स्थल पर बहुत देर से पहुंचीं. इसी दौरान क्रेन चालक दयानंद तिवारी (Crane Driver Dayanand Tiwari) ने 50 लोगों की जान बचाई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं. तिवारी इस बात का मलाल है कि वो और भी जान बचा सकते थे लेकिन आग फैल गई थी.
इस नेक काम में दयानंद तिवारी की मदद के लिए क्रेन का मालिक और एक सहायक भी मौके पर था. तिवारी ने भीषण घटना को याद करते हुए कहा कि दमकल की गाड़ियां डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची थीं, बाद में आग भीषण हो गई और हम दूसरों को नहीं बचा सके. बतादें कि मुंडका अग्निकांड की जांच में दिल्ली पुलिस की सहायता करने के लिए रविवार को 2 फॉरेंसिक टीमें (Forensic Teams) मौके पर पहुंचीं. घटनास्थल से पीड़ितों के जले हुए अवशेष भी मिले हैं. पुलिस ने कहा है कि मृतकों की पहचान के लिए फोरेंसिक DNA जांच की जाएगी. पुलिस उपायुक्त (बाहरी जिला) समीर शर्मा (Sameer Sharma) के अनुसार, कुल 50 लोगों को बचाया गया है. बरामद किए गए 27 शवों में से शनिवार दोपहर तक केवल सात की ही पहचान हो पाई.