Mathura Dispute: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद (Krishna Janmabhoomi Case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया है. सोमवार को हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह ट्रस्ट (shahi eidgah masjid) और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं को खारिज करते हुए ये आदेश दिया है. हाईकोर्ट (Hight court) ने पूरे केस को मथुरा के जिला जज को वापस भेज दिया है. जस्टिस प्रकाश पाडिया की बेंच ने सिविल जज के फैसले के खिलाफ मथुरा के जिला जज को नए सिरे से सुनवाई कर आदेश पारित करने को कहा है. अब पक्षकारों को मथुरा के जिला जज के यहां नए सिरे से अपनी दलीलें पेश करनी होगी.
आपको बता दें कि सिविल कोर्ट के सिविल सूट को खारिज करने के फैसले के खिलाफ श्रीकृष्ण विराजमान ने जिला जज के यहां रिवीजन अर्जी दाखिल की थी. इस अर्जी पर जिला जज ने सिविल कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सुनवाई का आदेश पारित किया था. जिला जज के इस आदेश को ईदगाह ट्रस्ट कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से सिविल जज की अदालत में 20 जुलाई 1973 के फैसले को रद्द करने और 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम घोषित किए जाने की मांग की गई थी. वादी की ओर से कहा गया था कि जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर 1973 में दिया गया निर्णय वादी पर लागू नहीं होगा, क्योंकि उसमें वह पक्षकार नहीं था.
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा किया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.