मणिपुर (Manipur) की यूनिवर्सल फ्रेंडशिप ऑर्गनाइजेशन (Universal Friendship Organization) के सदस्यों ने मणिपुर में शांति रैली निकाली. दरअसल केन्द्र सरकार ने राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य में शांति स्थापित करने के लिए इस समिति का गठन किया है. इसमें राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हैं. साथ ही सिविल सेवक और कलाकार, समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को भी समिति में रखा गया है. इस समिति का मकसद राज्य में शांति स्थापित करने की कोशिश करना है.
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दरअसल मणिपुर (Manipur) में हिंसा (Violence) का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को ताजा मामला कुकी बाहुल्य गांव खोकेन की है, जहां एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गयी. वहीं गुरुवार को बीजेपी विधायक के घर पर IED ब्लास्ट को दहशतगर्दों ने अंजाम दिया जिससे घर का गेट क्षतिग्रस्त हो गया. जिस गांव में ये घटना घटी है वो कांगपोक्पी और इंफाल पश्चिम जिलों की सीमा से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि हमलावर हरे रंग का कपड़ा पहनकर आये थे.
इस बीच मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सीबीआई ने एसआईटी का गठन किया है. इस मामले में अब तक 6 एफआईआर दर्ज की गयी है जबकि आपराधिक षडयंत्र रचने का आरोप है. बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा की थी. 29 मई को शाह मणिपुर के दौरे पर आए थे. इस दौरान राज्य के सीएम बीरेन सिंह के साथ उन्होने हालात की समीक्षा की थी. इस दौरान उन्होने कुकी समुदाय और मेइती समुदाय से भी अलग अलग बात की थी. आपको बता दें कि इन दोनों समुदायों के बीच ही लगातार झड़प हो रही है. दरअसल मेइती समुदाय लगातार राज्य में खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है. अपने मांग के समर्थन में 3 मई को समुदाय ने आदिवासी एकता मार्च का आयोजन किया था जिसके बाद हिंसा भड़क उठी.