Ladakh: लद्दाख के लेह जिले के चुमाथांग क्षेत्र में हाल ही में गर्म झरनों के जल स्तर में खतरनाक वृद्धि हुई है और इसकी निगरानी के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा, अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी और अन्य विशेषज्ञ की टीमें जल स्तर में वृद्धि को लेकर एक श्वेत पत्र तैयार करेंगी और इसे लद्दाख प्रशासन के साथ साझा करेंगी.
अधिकारियों ने कहा कि यह निर्णय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सचिव अमित शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केंद्रीय भूजल बोर्ड, राष्ट्रीय संस्थान की वरिष्ठ टीमें शामिल थीं. इसमें जल विज्ञान, पश्चिमी हिमालय क्षेत्रीय केंद्र और वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी ने भाग लिया.
शर्मा ने कहा कि श्वेत पत्र के निर्माण के बाद स्थानीय लोगों के लिए 'क्या करें और क्या न करें' पर एक सलाह दी जाएगी और चुमाथांग-न्योमा में एक नियमित हॉट स्प्रिंग्स जल-स्तर निगरानी तंत्र की स्थापना की जाएगी.
अधिकारियों ने कहा कि नवंबर के आखिरी 10 दिनों में चुमाथांग-न्योमा गर्म झरनों के जल स्तर में 2-3 मीटर की अचानक वृद्धि के मुद्दे पर गहन मंथन किया गया।
चुमाथांग गर्म झरने लेह से लगभग 138 किलोमीटर दूर सिंधु नदी के किनारे एक छोटे से गांव में मौजूद हैं.
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