तमिलनाडु को कावेरी का पानी दिए जाने के आदेश के खिलाफ कर्नाटक में किसानों का एक समूह पूरी रात धरने पर बैठा रहा. ये विरोध श्रीरंगपट्टनम के पास मांड्या में सुबह शुरू हुआ था और सारी रात किसान हाथों में मोमबत्ती लिए धरनास्थल पर ही मौजूद रहे. इस विरोध की असल वजह थी कावेरी जल विनियमन समिति की वो सिफारिश जिसमें ये कहा गया था कि कर्नाटक 15 दिनों के लिए तमिलनाडु के लिए 5000 क्यूसेक पानी छोड़ेगा.
कर्नाटक के किसानों का कहना है कि ट्रिब्यूनल का आदेश इस धारणा पर आधारित है कि राज्य में मानसून सामान्य लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. वहीं सीएम सिद्धारमैया बोले कि कर्नाटक पानी छोड़ने का जोखिम इसलिए नहीं उठा सकता क्योंकि ऐसा करने के बाद राज्य में पीने के पानी की भारी किल्लत हो जाएगी.
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक दर्शन पुत्तनैया भी शामिल हुए. कावेरी जल मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने दिल्ली जाने का प्लान बनाया है.
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