Earthquake In Andaman Nicobar: अंडमान निकोबार में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई. हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने है. भूकंप के वक्त जो जाग गए थे वो घबरा गए और घरों से बाहर निकल गए.
इससे पहले 7 अगस्त को अंडमान और निकोबार में धरती कांपी थी उस वक्त डिगलीपुर से 150 किलोमीटर दूर इसका केन्द्र था. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 थी. एनसीएस के मुताबिक भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई थी. इससे पहले बीते 3 अगस्त को तड़के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 4.3 की तीव्रता से भूकंप आया था.
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते. वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है
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