चाचा शरद पवार से बगावत और डिप्टी सीएम बनने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए अजित पवार ने चाचा को सीधी चुनौती दी है. उनका कहना है कि उन्होने एनसीपी के तौर पर शिंदे सरकार का समर्थन दिया है. अजित पवार ने कहा कि एनसीपी के लगभग सभी विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ आने का उन्होने फैसला लिया. अभी हमने शपथ ली है और अगले मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ और मंत्री शामिल किये जाएंगे.
अजित पवार ने कहा, कई लोग आलोचना करेंगे. हम उसे महत्व नहीं देते हैं. हम महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करते रहेंगे और इसीलिए हमने यह निर्णय लिया है. उन्होने कहा कि पहले नागालैंड में NCP के 7 विधायक थे और पार्टी के फैसले पर सभी विधायक बीजेपी के साथ चले गए थे. अगर हम नागालैंड में बीजेपी के साथ जा सकते हैं तो महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ क्यों नहीं जा सकते.
उन्होने कहा कि काम को लेकर मोदी सरकार की तारीफ करनी होगी. उन्होने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में फिर मोदी जी ही आनेवाले हैं.
इससे पहले विपक्षी एकता पर तंज कसते हुए अजित पवार ने कहा कि मोदी सरकार के सामने विपक्ष बिखरा हुआ नजर आ रहा है. शरद पवार से अलग होने के मुद्दे पर उन्होने कहा कि इस मुद्दे पर सबको जवाब देने की जरूरत नहीं है.