आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो आपके लिए यह खबर जरूरी है. क्योंकि अब आपको अपने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र के साथ आधार नंबर को जोड़ना होगा. उत्तर प्रदेश सरकार (uttar pradesh government) ने इसे अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए राजस्व विभाग की ओर से सभी जिलों के डीएम को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. राज्य राजस्व परिषद का दावा है कि इससे धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी.
राजस्व परिषद की सचिव और आयुक्त मनीषा त्रिघाटिया ने इस संबंध में सभी डीएम को निर्देश भेज दिया है. जिले स्तर पर आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाता है. इसके लिए अभी आधार की छाया प्रति तो ली जाती है, लेकिन इसे लिंक नहीं किया जाता था. लोग अपनी जरूरतों के आधार पर इसे बनावते रहते हैं. नियमानुसार यह प्रमाण पत्र तीन साल के लिए मान्य होता है. इसीलिए इसको रोकने के लिए आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है.
राजस्व परिषद (revenue council) ने 18 से कम आयु के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक के साथ आधार नामांकन पर्ची या बायोमेट्रिक अपेड पहचान पर्ची को लिंक करना अनिवार्य किया है. जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा. माता-पिता द्वारा बनवाया गया राशन कार्ड, भी मान्य होगा. भूतपूर्व सैनिकों के मामले में ईसीएचएस कार्ड या कम्रचारी राज्य बीमा निगम कार्ड मान्य होगा. इसके साथ ही अन्य जुड़े दस्तावेज मान्य होंगे.
राजस्व विभाग का दावा है कि इसे अनिवार्य करने से लोगों के साथ होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी. साथ ही लोग बेनामी संपत्ति भी नहीं रख पाएंगे.