अहमदाबाद में साल 2008 के बम धमाके ( Ahmedabad 2008 Bomb Blast ) में 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में कोर्ट की टिप्पणी ने सभी का ध्यान खींचा है. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी 38 दोषी मौत की ही सजा के लायक हैं. बाकी दोषी भी कम खतरनाक नहीं हैं. अगर इन्हें समाज में रहने दिया गया, तो यह आदमखोर तेंदुए को खुला छोड़ने जैसा है. ये किसी को भी शिकार बना सकते हैं. ये बेरहमी से बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को मार देते हैं. ये निर्दोषों की जान लेने वाले आदमखोर हैं.
ये बातें तब पता चलीं जब अदालत के फैसले की कॉपी वेबसाइट पर आई. अहमदाबाद के बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी. कोर्ट ने इस केस में पिछले साल 3 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. 5 महीने बाद ये फैसला सुनाया गया. इस मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मामला दुर्लभ है. ऐसी आतंकी घटना अंजाम देने वालों को फांसी ही होनी चाहिए. ये लोग देश में शांति और सौहार्द के लिए खतरा हैं. मौत की सजा पाने वालों में 5 लोग यूपी के आजमगढ़ से हैं.
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