हिंसा (Kanpur violence) की तमाम आशंकाओं के मद्देनजर कानपुर (Kanpur) में प्रशासन ने धारा 144 को 52 दिनों के लिए लागू किया है. पुलिस कमिश्नरेट ने गुरुवार को ही धारा 144 (Section 144 ) का आदेश जारी कर दिया. मालूम हो कि पिछले हफ्ते 3 जून को जुमे वाले दिन ही कानपुर में हिंसा भड़की थी, इसी को देखते हुए प्रशासन किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता.
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इस बाबत हिंसा वाले इलाके के तीन किलोमीटर के दायरे में करीब पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है. इस दौरान गलियों में भी फोर्स रहेगी और संदिग्धों (suspects) पर पैनी नजर रखी जाएगी. प्रशासन की सख्ती के बाद जिले के अंदर कोई भी झुंड लगाकर नहीं खड़ा हो सकेगा और जुलूस आदि कार्यक्रमों पर भी रोक रहेगी. वहीं गुरुवार को चमनगंज, बेकनगंज, नई सड़क, परेड, यतीमखाना समेत अन्य इलाकों में पुलिस शांति समिति की बैठक हुई.
पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जारी किए गए धारा 144 के आदेश के मुताबिक कोई व्यक्ति भड़काऊ या उत्तेजक नारों का प्रयोग नहीं कर सकेगा और ना ही किसी की धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले पोस्टर चस्पा करेगा. आदेश के अनुसार कोई भी शख्स धमाकेदार और आतिशबाजी वाली चीजों को नहीं दाग सकेगा, किसी शादी समारोह में हर्ष फायरिंग पर भी रोक जारी रहेगा. आदेश में कहा गया कि कोई भी खुली दुकानों को जबरन बंद नहीं करा सकेगा, ना ही बिना अनुमति के जुलूस या नुक्कड़ नाटक करने की अनुमति होगी.
तीन जून को कानपुर में पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में दो समुदायों में हिंसा हुई थी. हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई यूपी पुलिस ने 55 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और 40 संदिग्धों का एक पोस्टर जारी किया. 10 जून को अदालत हिंसा के मास्टरमाइंट हयात जफर की रिमांड पर फैसला सुनाएगी.
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