1994 के इसरो (ISRO) जासूसी मामले में एयरोस्पेस वैज्ञानिक नंबी नारायणन (ISRO scientist Nambi Narayanan) की गिरफ्तारी अवैध थी. ये बात CBI ने केरल हाईकोर्ट को बताई. CBI ने कहा कि वैज्ञानिक जानकारी लीक होने का आधार मनगढ़ंत था और नंबी नारायणन को झूठे जासूसी (ISRO info leak allegation false) मामले में फंसाया गया था, जो कि एक अंतार्राष्ट्रीय साजिश थी.
बता दें कि साजिश के तहत कहा गया था कि नंबी नारायणन ने मालदीव के एक नागरिक के जरिये पाकिस्तान को क्रायोजेनिक इंजन तकनीक बेची थी. जासूसी मामले में 1998 में सीबीआई अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. हालांकि इस दौरान उन्होंने 50 दिन जेल में बिताए थे.
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