पिछले लगभग दो साल से कोरोना महामारी के खिलाफ दुनिया भर में लड़ाई जारी है. भारत में कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव का रविवार को एक साल पूरा हो गया. देश में अबतक करीब 156 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. इसी महीने की तीन तारीख से 15 से 18 साल के किशोरों को भी कोरोना रोधी टीका लगाया जाने लगा है. इसके साथ ही, फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मी और 60 से ऊपर के बुजुर्गों को बूस्टर डोज भी लगने लगी है.
वैक्सीनेशन में भारत कहां खड़ा?
स्वास्थ्यकर्मियों को सलाम
इसी तरह कई मुश्किलों को लांघते हुए हिमाचल के पहाड़ी इलाके में बसे झिरपानी गांव में लोगों को वैक्सीन लगाने स्वास्थ्यकर्मी उनके घर पहुंचे. 2 स्वास्थ्यकर्मी और एक आशा वर्कस हाथ में वैक्सीन का बक्सा लिए पहाड़ी इलाकों में चलते नजर आ रहे हैं. इसी जज्बे को खुद स्वास्थ्यमंत्री ने सलाम किया.
8 फीसदी आबादी को टीका नहीं
बता दें अब तक 67 लाख से ज्यादा ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, जिनके पास पहचान पत्र नहीं था. जेल में अब तक 6 लाख से ज्यादा कैदियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. हालांकि शुरुआत में थोड़ा धीमा रहने के बाद भारत में टीकाकरण अभियान ने अगस्त 2021 में गति पकड़ी थी. अभियान के लिए सितंबर का महीना सबसे अच्छा रहा था, जिसमें करीब 24 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी.