Independence Day 2023: 200 सालों से अधिक की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को देश ने आजाद हवा में सांस ली थी. हालांकि, इस खुशी के साथ देश को बंटवारे का कभी न भरने वाला जख्म भी मिला. गुजरे इतिहास के पन्नों को पलटने पर कई रोचक जानकारियां मिलती हैं. सबसे अव्वल तो ये कि आखिर 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) क्यों मनाया जाता है? क्या है इसकी वजह. साल 1947 में तब क्या हुआ था. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ दिलचस्प तथ्यों को...
साल 1929 में कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन हुआ
जिसमें 26 जनवरी को बतौर स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया
साल 1930 से 1947 तक इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया गया
लाहौर में जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया
इसमें लोग मिलकर हर साल स्वतंत्रता की शपथ लेते थे. (सौजन्य-नेहरू की आत्मकथा)
कैसे तय हुई 15 अगस्त की तारीख?
ब्रिटिश संसद में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल 4 जुलाई 1947 को पेश हुआ
18 जुलाई को बिल पास हुआ, 30 जून 1948 को आजादी देने को कहा
राजगोपालाचारी ने विरोध किया, कहा- तब तक तो सत्ता ही नहीं बचेगी
तब माउंटबेटन ने खुद 15 अगस्त 1947 की तारीख को तय किया
क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान ने 15 अगस्त को ही सरेंडर किया था
उस समय लॉर्ड माउंटबेटन अलाइड फ़ोर्सेज़ के कमांडर थे. (सौजन्य- फ्रीडम एट मिडनाइट)
15 अगस्त 1947 को ये भी हुआ?
तब 15 नहीं 16 अगस्त को नेहरू ने लाल किला पर झंडा फहराया था
भारत-पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ लाइन का ऐलान 17 अगस्त को हुआ
भारत से एक दिन पहले 14 अगस्त को ही पाकिस्तान आजाद हुआ
क्योंकि लॉर्ड माउंटबेटन को 15 अगस्त को दिल्ली में रहना था
भारत की आज़ादी के दिन महात्मा गांधी दिल्ली में नहीं थे
उस दिन राष्ट्रपिता बंगाल के दंगा प्रभावित इलाके नोआखली में थे. (सौजन्य- फ्रीडम एट मिडनाइट)
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आज़ादी के साथ मिला बंटवारे का दर्द
मनुष्य जाति के इतिहास का सबसे बड़ा विस्थापन हुआ
दोनों तरफ की 1 करोड़ 45 लाख जनसंख्या विस्थापित हुई
72 लाख 26 हजार मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये
72 लाख 49 हजार हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए
अलग-अलग अनुमानों में 8 से 10 लाख लोगों की मौत की आशंका. (सौजन्य- विकिपीडिया)