NCERT पैनल द्वारा किताबों में INDIA नाम को बदलकर भारत रखने की सिफारिश को लेकर अब देश की राजनीति भी गरमा गई है. कई नेताओं और मंत्रियों ने इस पर बयान दिया है.
राजद सांसद मनोज झा ने कहा, 'जब से INDIA गठबंधन का जन्म हुआ, तब से कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. वे कुछ तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस प्रकार से INDIA गठबंधन पर आक्रमण करें. ये घबराहट वाली प्रतिक्रियाएं हैं. NCERT यह कर रही है. अनुछेद 1 का आप क्या करेंगे? तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. देश के नाम के साथ भी खिलवाड़ किया जाएगा क्या? आप जिस INDIA गठबंधन के कारण ये सब कर रहे हैं, अगर INDIA गठबंधन ने अपना नाम भारत कर लिया फिर आप क्या करेंगे?'
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा, 'ये राजनीतिक निर्णय है, क्योंकि कुछ राजनीतिक दलों ने मिलकर INDIA गठबंधन बनाया. तब से ये लोग इंडिया नाम से नफरत करने लगे हैं. हम भारत से नफरत नहीं करेंगे, क्योंकि भारत हमारा ही है. भारत हमारा देश है. संविधान में भारत का जिक्र है तो इंडिया हो या भारत, देश-देश है, लेकिन आप एक निर्णय लेने जा रहे हैं कि इंडिया की जगह भारत करने की तो क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस बारे में चर्चा करें. भारत हो या इंडिया हो हम तो एक हैं और जल्दी ही आपको पता चलेगा कि 2024 में इंडिया जीतेगा और भारत भी.'
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, 'वे पाठ्यपुस्तक और पाठ्यक्रम के माध्यम से भारत के इतिहास को विकृत कर रहे हैं. हमारे लिए भारत और इंडिया दोनों बराबर है. ये चुनावी रणनीति और ध्रुवीकरण की राजनीति हैं। वे राजनीतिक मकसद के लिए ऐसा कर रहे हैं'.
आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह दर्शाता है कि पीएम मोदी को इंडिया गठबंधन से कितना डर है. नाम बदलने के बजाय बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए.'
वहीं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पीटीआई से कहा, 'केंद्र की बीजेपी सरकार भारतीय ढांचे को बदलना चाहती है. हम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा क्यों कह रहे हैं? हमारे सभी पासपोर्ट में भारत गणराज्य लिखा है. यह सरकार कुछ गलत करना चाहती है. कौन कह रहा है कि हम भारतीय नहीं हैं, हमें गर्व है कि हम इंडियंस हैं.'