पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने आखिरकार निजी क्षेत्र में राज्य के निवासियों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण (75 percent reservation in private jobs) प्रदान करने वाले हरियाणा के कानून के बहुप्रतीक्षित मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए कानून को ख़ारिज कर दिया है.
आपको बता दें कि इससे पहले 21 अक्टूबर 2023 को हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाले राज्य के कई औद्योगिक निकायों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हरियाणा सरकार ने स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020 बनाया था. इसमें तय किया कि निजी कंपनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म समेत ऐसे तमाम प्राइवेट संस्थानों में हरियाणा के युवाओं को नौकरी में 75% रिजर्वेशन दिया जाएगा. इस एक्ट में यह भी तय किया गया था कि यह रिजर्वेशन सिर्फ उन्हीं निजी संस्थानों पर लागू होगा, जहां 10 या उससे ज्यादा लोग नौकरी कर रहे हों. साथ ही उनकी सैलरी 30 हजार प्रतिमाह से कम हो. इस बारे में 6 नवंबर, 2021 को श्रम विभाग ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था कि हरियाणा में नई-पुरानी फैक्ट्रियों, संस्थानों वगैरह में हरियाणा के मूल निवासियों को 75% नौकरियां देनी होंगी.