वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में सोमवार को दो कोर्ट में सुनवाई हुई, जिला जज और सिविल जज की फास्ट ट्रैक कोर्ट में अलग-अलग मुकदमों में सुनवाई हुई. दोनों अदालतों ने गर्मियों की छुट्टी तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी है. मस्जिद के सर्वे की वीडियो और तस्वीरें दोनों पक्षों को मिलेगी. कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट के साथ वीडियो और फोटो देने से पहले दोनों पक्षों से शपथ पत्र मांगा है. शपथपत्र में इस बात का जिक्र है कि वीडियो और फोटो को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.
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इससे पहले मुकदमे की वैधता को लेकर सोमवार को मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें जारी रखीं. लगातार दो घंटे तक अदालत ने दलील सुनी. इसके बाद समय कम होने के कारण मामले को टाल दिया है. अब चार जुलाई को अदालत इसे सुनेगी. उस दिन भी मुस्लिम पक्ष अपनी दलील जारी रखेगा. कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराईं. उनके वकील ने कहा कि मां शृंगार गौरी से संबंधित मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है. इसी के साथ मुस्लिम पक्ष के वकील ने मस्जिद के अंदर कथित तौर पर पाए गए शिवलिंग और उनकी पूजा करने के दावे पर आपत्ति जताई.
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वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे की रिपोर्ट मामले के सभी पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी. मगर इसके लिए क्या शर्ते होंगी वह अदालत ही बताएगी. बता दें कि मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.