गोवा में बंपर जीत के बाद भी सीएम पर पेंच फंसा हुआ दिखाई दे रहा है. राज्य में विजय के बाद पार्टी में अंदरूनी खींचतान भी शुरू हो गई है. पार्टी के नए विधायक विश्वजीत राणे (Vishwajit Rane) ने प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) को नेता मानने से ही इनकार कर दिया है. राणे परिवार ने लगातार दूसरे दिन स्थानिक अखबारों में विज्ञापन दिया, जिसमें से सांवत की तस्वीर गायब रही. बीते शनिवार को बीजेपी विधायक विश्वजीत राणे अचानक राज्यपाल से मिलने भी पहुंच गए थे.
राणे के विज्ञापन में PM मोदी, गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (Party Chief JP Nadda), गोवा इलेक्शन इंचार्ज देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और गोवा के प्रभारी सीटी रवि की फोटो थी. प्रदेश अध्यक्ष सदानंद सेठ की इमेज भी इसमें थी. हालांकि, जिस सीएम के नेतृत्व में ये चुनाव हुआ, उनकी तस्वीर नहीं थी. विश्वजीत राणे ने वालपाई विधानसभा से जीत हासिल की है.
विश्वजीत राणे की पत्नी दिव्या राणे बीजेपी में हैं और परवेम सीट से जीती हैं. दिव्या ने रविवार को मराठी भाषी समाचार पत्र लोकमत में विज्ञापन छपवाया. इसमें से भी प्रमोद सावंत का चेहरा गायब था. उन्होंने इसमें लिखवाया- राज्य की स्थापना से लेकर अब तक ऐसा नहीं हुआ कि किसी उम्मीदवार ने 13 हजार 943 वोट के अंतर से जीत हासिल की हो. परवेम से बीजेपी उम्मीदवार दिव्य विश्वजीत राणे ने ऐसा कारनामा किया है, महिला शक्ति का उदय हुआ है.’
पणजी विधायक भी नाराज!
पणजी सीट से बीजेपी उम्मीदवार अतानासियो मोनसेरेट (Panaji MLA Atanasio Monserrate) बेहद करीबी अंतर से जीते हैं. पणजी में उन्होंने मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल को मामूली अंतर से हराया. इस जीत के बाद उनकी भी नाराजगी बाहर आई. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अनौपचारिक तौर पर उत्पल का समर्थन करने का आरोप लगाया.
मोनसेरेट ने ये भी कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी पत्नी जेनिफर के खिलाफ भी काम किया.