Gaganyaan Mission: ISRO 21 अक्टूबर को अंतरिक्ष में मानव भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट भेजेगा. इसके बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएंगी. इसकी जानकारी ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शनिवार को दी.
साथ ही उन्होंने सूरज के सफर पर निकले आदित्य एल-1 को लेकर कहा कि आदित्य L1 सफलतापूर्वक सूरज और पृथ्वी के बीच L1 प्वॉइंट के लिए बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अगले कुछ दिनों तक हर महीने अंतरिक्ष के सफर के लिए लॉन्च करता रहेगा.
बता दें कि गगनयान मिशन के तहत इसरो ने अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है. अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे.
मिशन गगनयान भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को धरती से 400 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में भेजा जाना है. उसके बाद इसे वापस पृथ्वी पर लाना और बंगाल की खाड़ी के समुद्र में उतारने की योजना है. अगले साल के अंत में इसे फाइनली लॉन्च किया जाना है. उसके पहले अंतरिक्ष यात्रियों के सुरक्षित वापसी के लिए कई टेस्ट और लॉन्च होंगे.
अभी हाल ही में बीती 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराकर इसरो ने इतिहास रचा है. इसके पहले धरती से परे दूसरे खगोलीय पिंड मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजकर सफलता का परचम लहराया था.
आदित्य L1 को लेकर इसरो अध्यक्ष ने जानकारी दी कि आदित्य-एल-1 अंतरिक्ष यान सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है और जनवरी के मध्य तक लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल-1) तक पहुंचने की उम्मीद है. वर्तमान में, पृथ्वी से L1 बिंदु तक यात्रा करने में लगभग 110 दिन लगते हैं. तो जनवरी के मध्य तक यह L1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा. फिर उस प्वाइंट पर, हम (इसरो) L1 पॉइंट पर यान के इंसरशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे. उसे हेलो ऑर्बिट कहा जाता है. यह एक बड़ी कक्षा है.