Gaganyaan mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन के व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी-डी1) का ट्रायल शनिवार को सफल रहा.
परीक्षण के तहत तरल ईंधन पर चलने वाले सिंगल स्टेज रॉकेट के साथ गगनयान के क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष में भेजा गया है. उड़ान के करीब एक मिनट बाद 12 से 17 किमी की ऊंचाई पर अभियान को कमांड दी गई. इस कमांड के साथ ही क्रू एस्केप सिस्टम सक्रिय हो गया और 90 सेकंड में यह क्रू मॉड्यूल से अलग हो गया. इसके बाद क्रू मॉड्यूल वापस पृथ्वी पर लौट आया
पैराशूट की मदद से क्रू मॉड्यूल तय कॉर्डिनेट्स के हिसाब से श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में उतरा, जहां भारतीय नौसेना की एक गोताखोर टीम और जहाज पहले से तैनात थे. उन्होने क्रू मॉड्यूल को पानी से बाहर निकाला.
लॉन्च से लेकर क्रू मॉड्यूल के बंगाल की खाड़ी में उतरने तक करीब 9 मिनट का समय लगा. उड़ान के दौरान टेस्ट व्हीकल का शीर्ष सापेक्ष वेग करीब 363 मीटर प्रति सेकंड तक पहुंच गया. इस तरह से ये परीक्षण पूरी तरह सफल रहा
इससे पहले शनिवार को सुबह तकनीकी दिक्कत के बाद कई बार लॉन्चिंग का समय बदला गया. गगन यान मिशन के टेस्ट परीक्षण को देखने के लिए बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचे थे.
2025 तक भारत के मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के तहत अंतरिक्ष में 400 किलोमीटर ऊपर यात्रियों को तीन दिन बिताने का कार्यक्रम शुरू होगा. ऐसे में किसी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान न हो इसके लिए कुल 6 परीक्षण किए जानेवाले हैं
गगनयान अभियान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम है इससे यात्रियों की सुरक्षित वापसी के सिस्टम को परखा जा रहा है, ताकि अभियान को बीच में रद्द न करना पड़े
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