ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के हाथ एक और सफलता लगी है. इसरो ने गगनयान (Gaganyaan) प्रोजेक्ट लिए ड्रोग पैराशूट्स का सफल परीक्षण कर लिया है. ये पैराशूट अंतरिक्ष यात्रियों की स्पीड कम करने और सेफ लैंडिंग में उनकी मदद करेंगे.
यह भी देखें: Independence Day: आज़ादी के लिए दिन-रात एक करने वाले बापू इसके जश्न में शामिल क्यों नहीं हुए थे?
ड्रोग पैराशूट क्रू मॉजल की स्पीड कम करेंगे और उसे स्थिर रखेंगे. गगनयान क्रू मॉड्यूल के पैराशूट सिस्टम में 10 पैराशूट होंगे. यह परीक्षण इसरो के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) से तीन चरणों में किया गया.
क्या है प्रोजेक्ट गगनयान?
गगनयान भारत का पहला स्वदेशी अंतरिक्ष मिशन है जिसके तहत अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा. तीन दिनों के इस मिशन में करीब 10 हजार करोड़ का खर्च आएगा.
अगर यह मिशन कामयाब रहा था भारत में अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन स्पेस में अपने अंतरिक्ष यात्री भेज चुके हैं.
प्रोजेक्ट गगनयान के तहत इसरो तीन चरणों में अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देना चाहता है. पहला चरण मानवरहित होगा, दूसरे चरण मेंएक रोबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और तीसरे यानी आखिरी चरण में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा.