EWS यानी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण पर अब देश की सबसे बड़ी अदालत (Supreme court) की भी मुहर लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह आरक्षण (reservation) संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और भावना का उल्लंघन नहीं करता है. दरअसल जनरल कैटेगरी (General category) के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जनवरी 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने संविधान संशोधन के तहत शिक्षा और नौकरी में EWS आरक्षण को लागू किया था.
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण
- सिर्फ जनरल कैटेगरी लोगों के लिए यह आरक्षण
- आपके वार्षिक आय पर निर्भर करता है EWS आरक्षण
- 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए वार्षिक आय
- सैलरी, कृषि, व्यवसाय और अन्य पेशे भी शामिल
- EWS आरक्षण के लिए 5 एकड़ से कम कृषि भूमि हो
- 200 वर्ग मीटर से अधिक का आवासीय फ्लैट नहीं
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- EWS आरक्षण के लिए 'आय और संपत्ति प्रमाण पत्र' चाहिए
- जिले के तहसीलदार जारी करते हैं यह प्रमाण पत्र
- प्रमाण पत्र की वैधता एक साल, हर साल होता है रीन्यू
- OBC- 27%, SC- 15%, और ST का 7.5% आरक्षण
EWS आरक्षण का लाभ उन सभी जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को मिलेगा जिन्हें कोई और आरक्षण जैसे OBC, SC, ST नहीं मिल रहा है. इसमें मुस्लिम समुदाय को भी शामिल किया गया है. EWS आरक्षण का लाभ मुस्लिम कम्युनिटी की सामाजिक रूप से घोषित ऊंची जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को मिलेगा.
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