Flood Attack: देशभर में बाढ़ तबाही मचा रही है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर देश की राजधानी दिल्ली बाढ़ से बेहाल है. दिल्ली में यमुना नदी के रौद्र रूप ने दिल्ली को जलमग्न कर दिया था. वहीं SBI की एक रिपोर्ट ने अब देशभर में जारी बाढ़ से हुए नुकसान का अंदाजा लगाया है.
सबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट Ecowrap के अनुसार देशभर में बाढ़ की वजह से 10,000 से 15,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है. रिपोर्ट में बताया गया है कि देश पर इस आर्थिक नुकसान की वजह बाढ़ और बिपरजॉय तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुआ जानमाल का नुकसान है.
रिपोर्ट के मुताबिक हाल में आई बाढ़ से हुए आर्थिक नुकसान का अभी आंकलन किया जाना बाकी है, लेकिन ये नुकसान 10,000-15,000 करोड़ रुपये हो सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के सालों में इस तरह की आपदाओं के आने की प्रवृत्ति बढ़ गई है जिससे देश पर आर्थिक दबाव बढ़ा है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 41 फीसदी प्राकृतिक आपदा का कारण बाढ़ है जबकि तूफान दूसरे नंबर पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के लोगों के पास इस नुकसान से बचने के लिए इंश्योरेंस की कमी है. 2022 में पूरी दुनिया में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 275 अरब डॉलर का नुकसान हुआ जिसमें से केवल 125 अरब डॉलर इंश्योरेंस से कवर था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 के बाद से भारत को कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है. इस दौरान अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं का सामना भारत को ही करना पड़ा है. साल 1900 के बाद से भारत में भूस्खलन, तूफान, भूकंप, बाढ़ और सूखे की 764 घटनाएं हुई हैं. 1900 से 2000 के बीच देश में इस तरह की 402 आपदाएं आईं जबकि पिछले 2001 से 2022 के बीच इस तरह की 361 घटनाएं हो चुकी हैं.