मौजूदा समय में वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. नतीजा यह है कि धरती का तापमान दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. जलवायु परिवर्तन का असर अब सिर्फ बर्फ पिघलने और समुद्र का जल स्तर बढ़ने तक ही सीमित नहीं रह गया है. बल्कि अब इसका असर इंसानों पर भी पड़ने वाला है. एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ेगा, वैसे-वैसे इंसानों का आकार भी छोटा होता जाएगा.
यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञान के प्रोफेसर स्टीव ब्रूसेट का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की स्थिति में जीवित रहने के लिए मानव का आकार घट जाएगा. उनका मनना है कि अगर तापमान तेजी से बढ़ता है, तो इंसान बौना हो सकता है, और उसकी औसत ऊंचाई करीब 3.5 फीट तक रहने की संभावना है. हालाकि 2021 के एक अध्ययन में सामने आया कि तापमान का मस्तिष्क के आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अपनी बुक 'द राइज एंड रीगन ऑफ द मैमल्स' में ब्रुसेट ने कहा है कि गर्म क्षेत्रों में स्तनधारी ठंडे क्षेत्रों में स्तनधारियों की तुलना में छोटे होते हैं. क्योंकि छोटा आकार जीवों को ठंडा रखने में मदद कर सकता है.
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