Jammu & Kashmir: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से विस्थापित लोगों के लिए काम करने वाले संगठन एसओएस इंटरनेशनल ने केंद्र द्वारा समुदाय के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सिर्फ एक सीट आरक्षित करने पर निराशा व्यक्त की है. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक के पारित होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, एसओएस इंटरनेशनल के अध्यक्ष राजीव चुन्नी ने लोकसभा में कश्मीरी प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और पीओके से विस्थापित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधानसभा में नामित करने की मांग की है.
चुन्नी ने कहा, 'हमारी आबादी 17 लाख है और हमारी जमीन पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. हमें आश्चर्य है कि हमें सिर्फ एक सीट दी गई, जबकि घाटी (कश्मीर) की आबादी 17 लाख है.'
उन्होंने कहा कि पीओके के लिए 24 सीटें आरक्षित हैं और वे अपनी आबादी के अनुसार कम से कम एक तिहाई सीटों की मांग कर रहे हैं, ताकि समुदाय के मुद्दों को विधानसभा में निवारण के लिए उठाया जा सके.
बता दें कि बुधवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पारित हो गया है. इसमें कश्मीरी पंडित समुदाय के दो सदस्यों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापितों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधानसभा में नामित करने का प्रावधान है.