Death Because Temperature: बढ़ते तापमान से हर साल मरते हैं 50 लाख लोग

Updated : Jun 02, 2023 06:21
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Editorji News Desk

आपको जानकर शायद आश्चर्य होगा, लेकिन यह हकीकत है कि बढ़ते तापमान की वजह से दुनिया भर में हर साल 50 लाख लोगों की मौत हो रही है. यह तापमान सिर्फ गर्मी नहीं, बल्कि ठंडी भी है. सबसे बड़ी बात यह है कि अगले एक दशक के अंत तक करीब 2 अरब लोग सालों भर न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस से अधिक  तापमान में रहेंगा. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि  रीता इस्सा की रिसर्च रिपोर्ट से पता चला है. रीता इस्सा यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के टिंडल सेंटर फॉर क्लाइमेट रिसर्च में पीएचडी फेलो हैं. 

इस रिसर्च रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि साल 2011 से  2020 का दशक सबसे ज्यादा गर्म रहा.  ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती की वर्तमान राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं ने पृथ्वी को 2.7 डिग्री सेल्सियस वार्मिंग के ट्रैक पर रखा है.  वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि इस दशक के अंत तक 2 अरब लोगों को औसत वार्षिक तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में रहना होगा.  ऐसी गर्मी जिसके कई प्रभाव होंगे, मानव स्वास्थ्य पर भी इसके प्रतिकूल प्रभाव होंगे. 
उच्च तापमान शरीर की अपने स्वयं के आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है, हृदय, फेफड़े, मस्तिष्क और गुर्दे के साथ-साथ दिमाग और हार्मोनल प्रणाली को प्रभावित करता है, जो सभी समय से पहले मृत्यु और दिव्यांगता की बड़ी वजह है. अत्यधिक तापमान (गर्म और ठंडा दोनों) के कारण पहले से ही एक वर्ष में 50 लाख अतिरिक्त मौतें होती हैं.
इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अधिक या मीडियम इनकम वाले देशों की तुलना में कम इनकम वाले देशों में बढ़ते तापमान के कारण लोगों के पलायन की संभावना कम होगी. गर्मी की वजह से कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगेंगी और लोग पलायन करने के लिए मजबूर होंगे.  जिनमें शारीरिक असुविधा, अत्यधिक घटनाएं जैसे जंगल की आग, गरीबी और पानी और भोजन तक सीमित पहुंच और कुछ अन्य कारण शामिल हैं. 
इस दशक के बाद पहली बार दुनिया का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक मानक से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच सकता है. जिस दर पर पृथ्वी गर्म हो रही है उसे धीमा करने के अवसरों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाना चाहिए. भले ही, अत्यधिक तापमान का अनुभव करने वाले क्षेत्र बढ़ रहे हैं, जिसके परिणाम मानव स्वास्थ्य और भोजन, रोजगार, राजनीतिक स्थिरता और रहने की क्षमता को कम करने वाली प्रणालियों के रूप में सामने आ रहे हैं. अब जब हम इन जोखिमों के बारे में जानते हैं, तो जलवायु संबंधी तैयारी, योजना और हस्तक्षेप को कमजोर आबादी पर ध्यान देना चाहिए ताकि इन लोगों पर गर्मी के प्रभाव को कम किया जा सके.

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