CJI UU Lalit: जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) ने 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 49वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice Of India) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कई केंद्रीय मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के जज मौजूद रहे. बता दें, सीजेआई एनवी रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए थे जिसके बाद जस्टिस उदय रमेश को भारत का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है. जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा.
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जस्टिस यू. यू. ललित ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस है, जो सुप्रीम कोर्ट के जज बनने से पहले किसी हाईकोर्ट के जज नहीं थे, साल 1971 में न्यायमूर्ति एस.एम. सीकरी के 13वें चीफ जस्टिस बनने के बाद ललित दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस हैं, जो सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बनाये गए है.
भारत के नए CJI उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था. साल 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए थे. इसके बाद दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की थी.
जस्टिस यू यू ललित उस दौरान सुर्ख़ियों में आए, जब उन्होंने अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच से खुद को अलग किया था। उन्होंने इस बात को आधार बनाया था कि करीब 2 दशक पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए वकील के रूप में पेश हो चुके हैं.
भारत के नए CJI उदय उमेश ललित ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं. इनमें सबसे ज्यादा अहम तीन तलाक, केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर पर त्रावणकोर शाही परिवार का दावा और पॉक्सो से जुड़े कानून पर उन्होंने फैसलेसुना चुके हैं.