केंद्र सरकार (Central government) ने समलैंगिक विवाह (same-sex marriage) को मंजूरी देने वाली 15 याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 56 पेजों का जवाब दाखिल किया है. इस जवाब में केंद्र ने स्पष्ट कहा कि समलैंगिक विवाह भारतीय परिवार की अवधारणा के खिलाफ हैं और किसी भी रूप में इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती.
केंद्र ने कहा कि एक परिवार की अवधारणा पति-पत्नी और उनसे पैदा होने वाले बच्चों से है और समान लिंग वालों का एक साथ रहकर संबंध स्थापित करना पारिवारिक इकाई के खिलाफ है. अपने हलफनामे में केंद्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को इस मामले में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की व्याख्या दी है लेकिन इसमें सुनवाई करने लायक कोई तथ्य ही बाकी नहीं रह जाता है.