कैंसर, वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. भारत में इसकी स्थिति और भी दयनीय है. कैंसर के मामलों में वैश्विक दरों को पार करते हुए भारत 'विश्व की कैंसर राजधानी' बन गया है. विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर पेश हुई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में भारत में कैंसर के 14 लाख नए मरीज मिले थे. 2025 तक यह आंकड़ा 15 लाख 70 हजार मामलों तक पहुंचने का है. ऐसा अनुमान है कि साल 2040 तक 20 लाख नए कैंसर के मामले आ सकते हैं.
अध्ययनों में साल 2050 तक आंकड़ों के और तेजी से बढ़ने की आशंका जताई गई है. कैंसर डाटा के मुताबिक, साल 2022 में दुनियाभर में अनुमानित 20 मिलियन (दो करोड़) कैंसर के नए मामलों का निदान किया गया और 9.7 मिलियन (97 लाख) से अधिक लोगों की मौत हो गई.
इतना ही नहीं, शोधकर्ताओं का अनुमान है कि साल 2050 तक कैंसर के रोगियों संख्या 35 मिलियन (3.5 करोड़) प्रतिवर्ष तक पहुंच सकती है. पिछले एक दशक के आंकड़े बताते हैं कि भारत में भी इस गंभीर और जानलेवा रोग के केस साल दर साल तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.