Bucha Massacre: 'ओमुरबेकोव' (Azatbek Omurbekov) ये नाम इन दिनों दुनियाभर के अखबारों की हेडलाइंस में 'बूचर ऑफ बूचा' ('Butcher of Bucha') नाम से खूब चर्चा में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी रूसी लेफ्टिनेंट ने 64वीं मोटरराइफल का नेतृत्व किया, जिसने यूक्रेन के बूचा शहर में कत्ले-आम मचा दिया. आरोप है कि ओमुरबेकोव के निर्देश पर ही बूचा में यूक्रेन के आम लोगों को हाथ पैर बांध कर और एक-एक कर उन्हें गोली मार दी, जिसमें छोटे छोटे बच्चों और बुजुर्ग भी शामिल थे.
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पूरी दुनिया में इस नरसंहार की आलोचना हुई, भारत ने भी निंदा की. हालांकि रूस ने ऐसे किसी जनसंहार से इनकार किया, इन्हीं दावों को खारिज करते हुए यूक्रेन ने उस रूसी कमांडर का नाम भी सामने रखा है, जिसने बूचा में निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या करवाई...और अपनी टुकड़ी लेकर बेलारूस भाग गया.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूएन में बूचा की पूरी कहानी सुनाई तो लोग अवाक रह गए और मानवता शर्मसार हो गई. बूचा मेयर का अनुमान है कि रूसी सेना ने यहां 320 नागरिकों की हत्या की है. यहां एक सामूहिक कब्रगाह में सैकड़ों शव मिले, जिसकी वायरल हो रही तस्वीरें इस नरसंहार की गवाही दे रही है. वहीं बूचा से कुछ सैटेलाइट फोटोज भी सामने आई हैं, जिनमें शहर की सड़कों को लाशों से पटा दिखाया गया है.
आखिर कौन है ये बूचा का बूचर, जिसपर यूक्रेनी शहर की सड़कों को शवों से पाटने का आरोप है.
कौन है 'बूचा का बुचर'?
40 वर्षीय ओमुरबेकोव रूसी सेना का टॉप कमांडर है
2014 में उत्कृष्ट सेवा के लिए उप रूसी रक्षा मंत्री पदक दिया
नवंबर, 2021 में रूस की ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरियों से मिलते देखा गया
इसके बाद यूक्रेन से लगी सीमाओं पर उसे तैनात किया गया
यदि नरसंहार की बात साबित होती है तो इसकी जिम्मेदारी अजातबेक की होगी