भारत का पडोसी देश पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. गुरुवार को पाक की तरफ से हुए स्नापिंग अटैक में BSF के बहादुर सैनिक लाल फैम किमा (Lal Fam Kima) शहीद हो गए. BSF के हेड कांस्टेबल लाल फैम किमा की उम्र 50 साल थी. लाल फैम किमा की बहादुरी के एक किस्सा मशहूर है. उन्होंने एक बार में LOC के पास आतंक विरोधी अभियान में अपने एक दर्जन साथियों की जान बचाई थी.
शहीद लाल फैम किमा की बहादुरी का यह किस्सा 1998-99 की सर्दियों का है. इस ऑपरेशन के दौरान पीर पंजाल रेंज के ऊपर गूल गांव में एक मिट्टी के घर के अंदर आतंकी छिपे हुए थे. तब लाल फैम किमा उस टीम का हिस्सा थे, जो आतंकियों के साथ मुठभेड़ को अंजाम दे रहे थे. ऐसे में किमा ने एक अपने साथियों की जान बचाते हुए एक आतंकी पर अपनी लाइट मशीन गन (LMG) खाली कर दी थी.
ऑपरेशन को याद करते हुए किमा के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) ने एक भावनात्मक और प्यारी पोस्ट लिखी, जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अधिकारियों ने साझा किया. मिजोरम की राजधानी आइजोल के रहने वाले हेड कांस्टेबल किमा 1996 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे.
पीटीआई के पास मौजूद पोस्ट में कहा गया है कि आतंकवादी एक 'ढोके' के अंदर छिपे हुए थे और गोलीबारी और ग्रेनेड के हमले के बाद आतंकवादियों ने 'फिदायीन' (आत्मघाती) हमला करने के लिए खुद को उड़ा लिया ताकि आसपास की बीएसएफ पार्टी भी मारी जा सके.
यहां तक कि जब 'ढोके' से धुआं निकलता रहा, बीएसएफ की टीम मिट्टी की झोपड़ी के सुलगते अवशेषों के अंदर पहुंची और तीन मृत आतंकवादियों को पाया.
उन्होंने कहा, अचानक जोर से चीखने की आवाज आई। तुम साला पिन निकालेगा??!!!! इसके बाद एलएमजी की एक जोरदार फायरिंग हुई, जिससे सभी लोग छिपने के लिए भागने लगे.
पोस्ट में लिखा है, यह लाल फैम किमा (वह उस समय कॉन्स्टेबल थे) थे, जिन्होंने लगभग मृत आतंकवादी (बीएसएफ द्वारा मृत समझ लिया गया था) को पिन हटाते हुए देखा था। जब वह अपनी आखिरी सांस ले रहा था तब भी उसने ग्रेनेड फेंका.
पूर्व सीओ ने लिखा, जब पार्टी के बाकी सदस्य हथियारों के भंडारों को खंगालने में व्यस्त थे, यह हमेशा सतर्क रहने वाले किमा थे, जिसने ग्रेनेड को उड़ाने की कोशिश कर रहे एक मरते हुए आतंकवादी की गुप्त हरकत को देख लिया था.
उन्होंने कहा, अगर आतंकवादी सफल हो जाता, तो निश्चित रूप से दर्जनों हताहत होते. उन्होंने कई बीएसएफ कर्मियों और अधिकारियों के बीच साझा किए गए पोस्ट में लिखा, आज, लाल फैम किमा ने शहादत प्राप्त की. वह तब भी निडर था जब वह दो-तीन साल की सेवा वाला एक युवा कॉन्स्टेबल था और अब हेड कॉन्स्टेबल के रूप में निडर है. यह सरल, नम्र और निश्छल योद्धा बहादुरी से जीया और बहादुरी से अपना जीवन न्योछावर कर दिया