Bombay High Court News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कई अभ्यर्थी मेडिकल परीक्षाओं में कदाचार का सहारा लेते हैं और यह 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' फिल्म की याद दिलाता है. हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने उस व्यक्ति को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसे नीट परीक्षा में बैठने की इसलिए अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उसके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं थे.
जस्टिस आर वी घुगे और जस्टिस वाई जी खोबरागड़े की पीठ ने 31 अक्टूबर के अपने फैसले में 49 साल के डॉक्टर श्यामसुंदर पाटिल द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी. याचिका में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह उनके लिए सुपर स्पेशलिटी 2023 परीक्षा के लिए नीट आयोजित करे.
बता दें कि श्यामसुंदर पाटिल को सितंबर में हैदराबाद में परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि उनके पास मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी स्थायी पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रति भौतिक रूप में नहीं थी.