बिलकिस बानो केस (bilkis bano case) के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं. दो जजों की बेंच ने पूछा कि क्या इस मामले में गुजरात सरकार (Government of Gujarat) ने अपना दिमाग लगाया? आखिर किस चीज को इस फैसले का आधार बनाया गया? जस्टिस जोसेफ (Justice Joseph) ने कहा कि आज बिलकिस है तो कल यहां आप या मैं भी हो सकते हैं. कोर्ट ने सरकार से कहा कि यदि आप हमें कारण नहीं बताते तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे.
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सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि आप सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकते. इसी तरह नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती. अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई को करेगी. बता दें कि गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस के साथ गैंगरेप (gang rape) किया गया था.
साथ ही उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इन दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. इसी रिहाई को कोर्ट में चुनौती दी गई है.