Beating Retreat Ceremony: हर साल की तरह इस बार भी 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ. इसे देखने के लिए के लोग बड़ी संख्या में वाघा बॉर्डर पर पहुंचे.
बॉर्डर से आए विजुअल्स में देखा जा सकता है कि देशभक्ति और गर्व से भरे लोगों ने “भारत माता की जय” और “जय हिंद” के नारे लगाए.
इस दौरान बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के मौके पर कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया. कलाकारों ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर परफॉर्म करने को “अद्भुत अनुभव” बताया.
इस कार्यक्रम में भारत से बीएसएफ के जवान और पाकिस्तान की ओर से पाक रेंजर्स शामिल होते हैं.
कैसे हुई थी बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत?
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत साल 1959 में हुई थी. इस समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजता है, देशभक्ति के नारे लगाए जाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में भारत-पाकिस्तान दोनों देशों के हजारों लोग पहुंचते हैं और देशभक्ति के नारे लगाते हैं. समारोह करीब दो घंटे तक चलता है. इसके बाद दोनों देशों की सीमा पर बने गेट वापस बंद कर दिए जाते हैं.