World Press Freedom Day 2022: पूरी दुनिया में 3 मई को प्रत्येक साल प्रेस फ्रीडम डे मनाया जाता है. इसे मनाने के पीछे मंतव्य यह है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले मीडिया को मज़बूत बनाया जा सके. जिससे कि लोकतंत्र भी मजबूत बना रहे. हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि 180 देशों के समूह में भारत 142 वें नंबर पर है. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर से प्रेस फ्रीडम इंडेक्स जारी करते हुए कहा गया था कि पत्रकारों को भारत में काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस श्रेणी में भारत के अलावा ब्राजील, मैक्सिको और रूस को भी रखा गया था.
प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 यानी ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021’ की सूची में नॉर्वे शीर्ष पर है. इसके बाद फिनलैंड और डेनमार्क है जबकि एरिट्रिया इस सूची में सबसे निचले पायदान पर है. सूची में चीन का 177वां स्थान है. तुर्कमेनिस्तान 178वें और उत्तर कोरिया 179वें स्थान पर है. सूची में नेपाल 106वें, श्रीलंका 127वें, म्यांमार 140वें, पाकिस्तान 145वें और बांग्लादेश 152वें स्थान पर है.
ये भी पढ़ें| Blue Aadhar Card: जानें क्या है नीला आधार कार्ड? यह आपको कैसे फायदा पहुंचा सकता हैं
बता दें कि भारत साल 2020 की सूची में भी 142वें स्थान पर ही था जबकि 2016 में भारत का स्थान 133 था. रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील, मेक्सिको और रूस के साथ भारत पत्रकारिता के लिए सबसे खराब देश है.
साल 1991 में अफ्रीका के पत्रकारों ने प्रेस की आजादी के लिए पहली बार मुहिम छेड़ी थी. इन पत्रकारों ने तीन मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों को लेकर बयान जारी किया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जानते हैं. इसके ठीक दो साल बाद यानी साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया था. उस दिन से लेकर आज तक हर साल तीन मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाया जाता है.